IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट बनी ये भारतीय महिला, ये हैं इनसे जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें
गीता गोपीनाथ को आईएमएफ के जिस विभाग का डायरेक्टर बनाया गया है उसका संस्था में काफी अहम रोल है.
गीता यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला और दूसरी भारतीय है. (फोटो: सोशल मीडिया)
गीता यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला और दूसरी भारतीय है. (फोटो: सोशल मीडिया)
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री का पदभार संभालने के बाद चर्चा में आई भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) का जन्म केरल में हुआ था. गीता यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला और दूसरी भारतीय है. इससे पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में चीफ इकोनॉमिस्ट के पद पर रह चुके हैं.
गीता गोपीनाथ को मुद्राकोष से 31 दिसंबर को रिटायर हुए मौरिस आब्स्टफेल्ड की जगह लाया गया है. इससे पहले गीता हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर के पद पर रही हैं. आईएमएफ के चीफ इकोनॉमिस्ट का पद संभालने वाली गीता को साल 2017 में केरल सरकार ने वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया था. आगे पढ़िए गीता गोपीनाथ से जुड़ी 10 खास बातें...
गीता गोपीनाथ से जुड़ी अहम बातें
- गीता गोपीनाथ का जन्म मैसूर में 1971 हुआ था, यहां से ही उन्होंने स्कूल की पढ़ाई की.
- इस पद पर पहुंचने वाली वह पहली महिला है, उन्होंने 31 दिसंबर को रिटायर हुए मौरिस आब्स्टफेल्ड की जगह ली है.
- उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिस्ट से एमए किया है.
- माइक्रो-इकोनॉमिक्स में महारत हासिल करने वाली गीता ने साल 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की.
- साल 2001 में गीता ने शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद संभाला.
- इसके बाद साल 2005 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अध्यापन शुरू किया. 2010 में वह यहां पर फुल टाइम प्रोफेसर बन गईं.
- गीता ने आईएमएफ के पूर्व इकोनॉमिक काउंसल केनेथ रोगॉफ के साथ मिलकर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की हैंडबुक भी लिखी है.
- साल 2017 में केरल सरकार ने वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया था, इस पर कुछ लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की थी.
- गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजार की समस्याओं पर 40 रिसर्च लेख लिखे हैं.
- गीता अमेरिकन इकोनॉमिक्स रिव्यू की सह-संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रोइकनॉमिक की को-डायरेक्टर भी हैं.
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यह होगी गीता की जिम्मेदारी
गीता गोपीनाथ को आईएमएफ के जिस विभाग का डायरेक्टर बनाया गया है उसका संस्था में काफी अहम रोल है. आईएमएफ का रिसर्च डिपार्टमेंट दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं पर अध्ययन कर सदस्य देशों के लिए जरूरी नीतियां तैयार करता है. साथ ही उन मुद्दों पर रिसर्च करता है जो आईएमएफ के लिए अहम होते हैं. इसके अलावा यह अनुमान लगाना भी आईएमएफ का ही काम है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था आने वाले सालों में कैसी होगी.
क्या है आईएमएफ
इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) की शुरुआत 27 दिसंबर 1945 से हुई. यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है और इसका हेडक्वाटर वाशिंगटन डीसी में है. आईएमएफ अपने सदस्य देशों की स्थिति पर नजर रखता है. आईएमएफ के कुल 186 सदस्य देश हैं. आईएमएफ का मकसद सदस्य देशों की आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है.
04:24 PM IST